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धर्म एवम् संस्कृति का प्रवाहक सम्मेदाचल पाक्षिक समाचार पत्र नवनीत जैन द्वारा 2005 में स्थापित किया गया। 13 वर्षों की यात्रा पूर्ण करने के पश्चात सम्मेदाचल जैन धर्म के प्रचार प्रसार एवम् जिनवाणी के उदघोष में सलंग्न है। सम्मेदाचल के माध्यम से जैन साधु, जैन तीर्थ एवम् जैन संस्थाओं की सम्पूर्ण देश की जानकारी उपलब्ध हो जाती है।
सम्मेदाचल में धर्मिक के साथ संतवाणी, महिला जगत, युवा जगत, परिवार जगत, मनोरंजक सामग्री, वैवाहिक सूचनाऐं तथा लेख प्रकाशित होते हैं जिससे यह बच्चे, युवा तथा वृद्ध सभी की पहली पसंद है। जैन समाज के अग्रणी पत्रों में माना जाने वाले सम्मेदाचल के आगामी अंक की पाठकों को बेताबी से प्रतीक्षा रहती है।
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